Kabhi-Kisi-Ko-Mukammal-Jahan-Bhupinder-Singh-Ghazal-Lyrics

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Kabhi Kisi Ko Mukammal Jahan Nahi Milta Bhupinder Singh Ghazal Lyrics
Kabhi Kisi Ko Mukammal Jahan Nahi Milta Bhupinder Singh Ghazal Lyrics

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता
कहीं ज़मीन तो कहीं आसमान नहीं मिलता
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

जिसे भी देखिये वो अपने आप में गुम है
ज़ुबाँ मिली है मगर हमज़ुबाँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

बुझा सका है भला कौन वक़्त के शोले
ये ऐसी आग है जिसमे धुआँ नहीं मिलता
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता

तेरे जहाँ में ऐसा नहीं कि प्यार न हो
तेरे जहाँ में ऐसा नहीं कि प्यार न हो
जहाँ उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता
जहाँ उम्मीद हो इसकी वहाँ नहीं मिलता

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