Baat-Niklegi-Toh-Phir-Door-Talak-Jayegi-Jagjit-Singh-Ghazal-Lyrics

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Baat Niklegi Toh Phir Door Talak Jayegi 
"बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी"- Jagjit Singh
Baat Niklegi Toh Phir Door Talak Jayegi  "बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी"- Jagjit Singh

बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी
लोग बेवजह उदासी का सबब पूछेंगे
ये भी पूछेंगे के तुम इतनी परेशां क्यूँ हो

उंगलियां उठेंगी सूखे हुए बालों की तरफ़
१ नज़र देखेंगे गुज़रे हुए सालों की तरफ़
चूड़ियों पर भी कई तंज़ किये जाएंगे
काँपते हाथों पे भी फ़िकरे कसे जाएंगे

लोग ज़ालिम हैं हर १ बात का ताना देंगे
बातों-बातों में मेरा ज़िक्र भी ले आएंगे
बातों-बातों में मेरा ज़िक्र भी ले आएंगे
उनकी बातों का ज़रासा भी असर मत लेना
वरना चेहरे की तासुर से समझ जाएंगे
चाहे कुछ भी हो सवालात ना करना उनसे
चाहे कुछ भी हो सवालात ना करना उनसे
मेरे बारे में कोई बात न करना उनसे
बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी

Baat nikalegi toh phir dur talak jaayegi
Log bewajah udaasi ka sabab puchhenge
Yeh bhi puchhenge ke tum itani pareshaan kyun ho

Ungaliya uthengi sukhe huye baalon ki taraf
Ik najar dekhenge gujare huye saalon ki tarah
Chudiyon par bhi kayi tanj kiye jaayenge
Kaanpate haathon ke bhi phikarein kase jaayenge

Log jaalim hai har ik baat ka taana denge
Baaton baaton mein mera jikrr bhi le aayenge - (2)
Unaki baaton ka jara sa bhi asar mat lena
Warana chehare ke taasur se samajh jaayenge
Chaahe kuchh bhi ho sawaalaat na karana unase - (2)
Mere baare mein koyi baat na karana unase
Baat nikalegi toh phir dur talak jaayegi

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